About Us

हमारी प्रेरणा

वर्षों से उपेक्षित, शोषित और पीड़ित किन्तु अपने ही समाज के अभिन्न अंग-पिछड़े वर्ग के बन्धुओं के दुख-दर्द के लिये हमारी सामाजिक विषमता ही उत्तरदायी है। उस विषमता से मुक्त हिन्दू समाज की पुनर्रचना आज की अत्यधिक आवश्यकता है। इन अभावग्रस्त परिवारों के बालकों को शिक्षित और सुसंस्कारित करना तथा उनमें स्वाभिमान का भाव जगाना हम सबका पुनीत कर्तव्य है। ये दुर्बल, निर्धन और दुखी बांधव ‘दरिद्र नारायण’ भगवान का ही रूप है।

इस राष्ट्रीय स्वप्न को साकार करने के लिये विगत कुछ वर्षों से अपने देश के अनेक नगरों की पिछड़ी (सेवा) बस्तियों में सेवा भारती विभिन्न प्रकल्प चला रही है। छुआछूत, जातिवाद, वर्गवाद, भाषावाद आदि कुरीतियों को दूर करके हिन्दू समाज के इन उपेक्षित बन्धुओं को बराबरी और सामाजिक प्रतिष्ठा देकर सामाजिक समरसता सुनिश्चित करने का कार्य करें। आइये, हम सब मिलकर इस श्रेष्ठ कार्य में हाथ बटायें।

‘सेवा भारती’ के उद्देश्य

  • कार्य क्षेत्र – शोषित, पीड़ित, उपेक्षित और अभावग्रस्त सेवा बस्तियां
  • उद्देश्य – शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन और सामाजिक क्षेत्र में कार्य करना

सेवा कार्यों का विवरण

कुल सेवा कार्य युक्त बस्तियां110
कुल सेवा कार्य160
कुल सेवित जिले/महानगर14

आयामशः सेवा कार्य

शिक्षा आयाम91
स्वास्थ्य आयाम 3
स्वावलंबन आयाम39
सामाजिक आयाम27

हम सभी महान सेवा यज्ञ में क्या सहयोग दे सकते हैं?

  • सेवा केंद्रों पर अपना बहुमूल्य समय
  • किसी एक सेवा केंद्र को गोद लेकर
  • केंद्रों के लिए अपनी समर्थ के अनुसार आर्थिक सहायता
  • अन्य मित्रों को सहयोग के लिए प्रेरित करना
  • मांगलिक अवसरों पर मंगल निधि के रूप में सेवानिधि निकालना
  • चैक या ड्राफ्ट ‘सेवा भारती’ उत्तराखंड के नाम देय होगा।
  • सेवा भारती को दिया गया दान आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80-जी के अन्तर्गत आयकर से मुक्त है।